पियर्सिंग पैटर्न (The Piercing Pattern)
पियर्सिंग पैटर्न और बुलिश एनगल्फिंग पैटर्न दोनों एक समान हैं, इनमें सिर्फ एक बहुत ही मामूली अंतर है। एक बुलिश एनगल्फिंग पैटर्न में P2 का नीला कैंडल P1 के लाल कैंडल को पूरी तरह से ढंक लेता है। जबकि, एक पियर्सिंग पैटर्न में P2 का नीला कैंडल P1 के लाल कैंडल को सिर्फ आंशिक रूप से ही ढंकता है, हाँ ये ढंकना 50% से अधिक और 100% से कम होना चाहिए। आप इसे देख भी सकते हैं और इसकी गणना भी कर सकते हैं। उदाहरण के लिए यदि P1 की रेंज (ओपन –क्लोज़) 12 है, तो P2 की रेंज कम से कम 6 या अधिक होनी चाहिए, लेकिन 12 से नीचे।
सिर्फ एक यह शर्त पूरी होनी चाहिए, इसके अलावा सब कुछ बुलिश एनगल्फिंग पैटर्न जैसा ही होता है, यहाँ तक कि सौदे भी। यहां एक रिस्क लेने वाला P2 के क्लोज कीमत के आसपास अपना ट्रेड शुरू करेगा। रिस्क से बचने वाला P2 के बाद एक नीला कैंडल देखने के बाद ही अपना ट्रेड करेगा, और स्टॉपलॉस होगा इस पैटर्न का लो।
निम्नलिखित चार्ट पर एक नज़र डालें:
यहाँ P2 का नीला कैंडल P1 के लाल कैंडल को 50% से कुछ कम ढंकता है, इसलिए हम इसे एक पियर्सिंग पैटर्न नहीं मानते।
ट्रेड या सौदा चुनने पर एक दृष्टिकोण
आमतौर पर एक ही सेक्टर के शेयरों में एक जैसा ही मूवमेंट यानी एक जैसी चाल होती है। उदाहरण के लिए, TCS और इंफोसिस या ICICI बैंक और HDFC बैंक के बारे में सोचें। उनकी कीमत में बदलाव एक जैसा होता है क्योंकि ये कंपनियां कमोबेश समान आकार की हैं, समान व्यवसाय में हैं, और वो सब बाहरी कारण जो उनके धंधे को प्रभावित करते हैं, वो भी एक समान हैं। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि उनके स्टॉक की कीमत हर कदम पर मेल खाएंगी। उदाहरण के लिए अगर बैंकिंग क्षेत्र में कोई बुरी खबर है, तो बैंकिंग शेयरों में गिरावट आ सकती है। ऐसे में अगर ICICI बैंक के शेयर की कीमत में 2% की गिरावट आती है, तो यह जरूरी नहीं है कि HDFC बैंक के शेयर की कीमत भी 2% गिर जाए। संभवतः HDFC बैंक के शेयर की कीमत में 1.5% या 2.5% की गिरावट हो सकती है। इसलिए दो स्टॉक एक ही समय में 2 अलग (लेकिन कुछ हद तक समान) कैंडलस्टिक पैटर्न जैसे बेयरिश एनगल्फिंग पैटर्न और डार्क क्लाउड कवर बना सकते हैं।
ये दोनों जाने पहचाने कैंडलस्टिक पैटर्न हैं, लेकिन अगर मुझे अपने ट्रेड के लिए इन दो पैटर्न के बीच चयन करना हो तो मैं डार्क क्लाउड कवर के बजाय बेयरिश एनगल्फिंग पैटर्न पर अपना पैसा लगाऊंगा। ऐसा इसलिए क्योंकि बेयरिश एनगल्फिंग पैटर्न में मंदी अधिक स्पष्ट तरीके से दिखती है (वह इसलिए क्योंकि यह पिछले दिन के पूरे कैंडल को ढंकता है)। इसी तरह मैं एक पियर्सिंग पैटर्न के मुकाबले एक बुलिश एनगल्फिंग पैटर्न का चयन करूंगा।
हालांकि मेरे चयन के इस पैमाने का एक अपवाद है। इस मॉड्यूल में आगे चल कर मैं 6 प्वाइ ट्रेडिंग चेकलिस्ट पेश करूँगा। एक ट्रेड को इस चेकलिस्ट पर कम से कम 3 से 4 बिंदुओं को पूरा करना चाहिए, तभी वो एक अच्छा ट्रेड माना जाएगा। इस बात को ध्यान में रखते हुए, मान लें कि ऐसी स्थिति है जहां ICICI बैंक का स्टॉक एक पियर्सिंग पैटर्न बनाता है और HDFC बैंक स्टॉक एक बुलिश एनगल्फिंग पैटर्न बनाता है। स्वाभाविक रूप से एक बुलिश एनगल्फिंग पैटर्न का व्यापार करने के लिए बेहतर मौका माना जाएगा, लेकिन अगर HDFC बैंक स्टॉक 3 चेकलिस्ट बिंदुओं को संतुष्ट करता है, और ICICI बैंक स्टॉक 4 चेकलिस्ट बिंदुओं को पूरा करता है, तो मैं ICICI बैंक के स्टॉक के साथ आगे बढ़ूंगा, भले ही इसमें एक कम भरोसेमंद कैंडलस्टिक पैटर्न बना हो। ।
दूसरी ओर, यदि दोनों स्टॉक 4 चेकलिस्ट बिंदुओं को संतुष्ट करते हैं तो मैं HDFC बैंक वाले ट्रेड के साथ आगे बढ़ूंगा।
इस अध्याय की खास बातें
मल्टीपल कैंडलस्टिक पैटर्न दो या दो से अधिक दिनों में बनते हैं।
पियर्सिंग पैटर्न और बुलिश एनगल्फिंग पैटर्न एक जैसे काम करते हैं, सिवाय इसके कि P2 का लाल कैंडल P1 के नीले कैंडल को 50% से 100% के बीच ढक सके।।
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