हरामी पैटर्न (The Harami Pattern)
इससे पहले कि आप कुछ और सोचें हम बता देते हैं, ‘हरामी’ शब्द हिंदी में इस्तेमाल होने वाले हरामी शब्द के लिए नहीं है । यह ‘गर्भवती’ के लिए पुराना जापानी शब्द है। जब आप इस कैंडलस्टिक की बनावट देखते हैं, तो आप इस नाम को समझ सकेंगे।
हरामी दो कैंडलस्टिक वाला पैटर्न है। इसमें पहली कैंडलस्टिक आमतौर पर लंबी होती है और दूसरी कैंडलस्टिक में एक छोटी रियल बॉडी होती है। दूसरी कैंडलस्टिक आम तौर पर पहली कैंडलस्टिक के रंग के विपरीत होती है। हरामी पैटर्न की उपस्थिति पर एक ट्रेंड में बदलाव संभव है। हरामी पैटर्न दो प्रकार के होते हैं – बुलिश हरामी और बेयरिश हरामी।
बुलिश हरामी (The Bullish Harami)
जैसा कि नाम से पता चलता है, चार्ट के निचले सिरे पर दिखने वाला बुलिश हरामी एक बुलिश पैटर्न है। बुलिश हरामी पैटर्न भी एनगल्फिंग पैटर्न (Engulfing Pattern) की तरह दो दिन में विकसित होता है। नीचे दिए गए चार्ट में, बुलिश हरामी पैटर्न को घेर कर दिखाया गया है।
एक बुलिश हरामी पैटर्न के पीछे की सोच प्रक्रिया इस प्रकार है:
बाजार मंदी में है और कीमतें नीचे गिर रही हैं, बेयर्स का बाजार पर पूर्ण नियंत्रण है। पैटर्न के पहले दिन (P1) एक लाल कैंडल के साथ एक नया लो बनता है, जो बाजार में बेयर्स की स्थिति को मजबूत करता है।
पैटर्न के दूसरे दिन (P2) बाजार पिछले दिन के बंद भाव से अधिक कीमत पर खुलता है। ओपन कीमत ऊपर देखकर बेयर्स घबरा जाते हैं, क्योंकि वे उम्मीद कर रहे थे कि ओपन कीमत नीचे जाएगी।
बाजार ने P2 पर मजबूती हासिल की और तेजी के साथ बंद होने में सफल रहा। इस तरह एक नीली कैंडल बन गयी। लेकिन P2 की क्लोज कीमत पिछले दिन (P1) की ओपन कीमत से कम है। कीमत के उतार चढ़ाव से P2 को छोटी नीली कैंडल बनती है जो P1 की लंबी लाल कैंडल के भीतर (गर्भवती) दिखाई देती है।
ये छोटी नीली कैंडल अपने आप में हानिरहित दिखती है, लेकिन वास्तव में घबराहट इस वजह से आती है कि ये बुलिश कैंडल अचानक से प्रकट होती है, जबकि इसकी कोई उम्मीद नहीं थी। यह नीली कैंडल न केवल बुल्स को लांग जाने यानी खरीदारी का हौसला देती है, बल्कि बेयर्स को भी परेशान करती है। उम्मीद यह है कि बेयर्स में डर और तेजी से फैलेगा और बुल्स को ताकत मिलेगी। इससे कीमतों में तेजी आएगी। इसलिए स्टॉक पर खरीदारी करने या लांग जाने का समय है।
हरामी के लिए ट्रेड सेटअप यानी सौदा :
बुलिश हरामी बनने पर खरीदारी करनी है। रिस्क लेने वाले P2 कैंडल के क्लोज के करीब एक लांग ट्रेड यानी खरीद का सौदा शुरू कर सकते हैं। रिस्क लेने वाले को जांचना होगा कि क्या P1 और P2 एक साथ मिलकर एक हरामी पैटर्न बना रहे हैं? ये दो बातों से पता चलेगा:
P2 का ओपन P1 के क्लोज से ऊपर होना चाहिए। P2 के 3:20 बजे की कीमत P1 के ओपन कीमत से कम होनी चाहिए। यदि ये दोनों शर्तें पूरी हो रही हैं तो यह निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि P1 और P2 दोनों एक साथ मिलकर बुलिश हरामी पैटर्न बना रहे हैं।
रिस्क से बचने वाला P2 के बाद वाले दिन बाजार बंद होने के समय खरीदारी की शुरुआत कर सकता है, केवल यह पुष्टि करना होगा कि उस दिन एक नीली कैंडल बन रही है। पैटर्न का सबसे निचला लो इस सौदे के लिए स्टॉपलॉस होगा। यहाँ नीचे एक्सिस बैंक का एक चार्ट देखिए इसमें बुलिश हरामी को घेर कर दिखाया गया है।
यहां OHLC इस प्रकार है:
P1 – ओपन = 868, हाई = 874, लो = 810, क्लोज = 815 P2 – ओपन = 824, हाई = 847, लो = 818, क्लोज = 835
रिस्क लेने वाला P2 के क्लोज कीमत के करीब 835 पर खरीदारी की शुरुआत करेगा। सौदे के लिए स्टॉपलॉस P1 और P2 के बीच सबसे कम कीमत होगा; जो इस मामले में 810 है।
रिस्क से बचने वाला P2 के बाद वाले दिन क्लोज के करीब ट्रेड शुरू कर देगा, बशर्ते यह एक नीली कैंडल का दिन हो, जो इस मामले में है। एक बार सौदा शुरू हो जाने के बाद, ट्रेडर को या तो टारगेट के हिट होने या स्टॉपलॉस के ट्रिगर होने का इंतजार करना होगा।
यहां नीचे एक चार्ट दिया गया है जहां कैंडल (घेरे में दिखाई गयी) एक बुलिश हरामी पैटर्न दिखा रही हैं, लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं है। इस पैटर्न के पहले का ट्रेंड मंदी का होना चाहिए, लेकिन इस मामले में पहले का ट्रेंड लगभग सपाट है जो हमें इस कैंडलस्टिक पैटर्न को बुलिश हरामी कहने से रोकती है।
अब एक और उदाहरण देखते हैं जहाँ बुलिश हरामी पैटर्न बना लेकिन स्टॉपलॉस ट्रिगर होने से सौदे में नुकसान हो गया।
बेयरिश हरामी (The Bearish Harami)
बेयरिश हरामी पैटर्न एक तेजी के ट्रेंड में ऊपर की तरफ बनता है और ये ट्रेडर को शॉर्ट करने का मौका देता है।
एक बेयरिश हरामी में शॉर्ट करने के पीछे का विचार इस प्रकार है:
बाजार में तेजी है और बुल्स के नियंत्रण में है। पहले दिन (P1) को बाजार तेजी में रहता है और एक नया हाई बनाता है। ये पूरी तरह से एक नीली कैंडल का दिन बनता है। बाजार में तेजी का ये दौर फिर से बुल्स के प्रभुत्व को दिखाता है। P2 को बाजार अप्रत्याशित रूप से नीचे खुलता है जो बुल्स की पकड़ कमजोर करता है, बुल्स थोड़ी घबराहट में आ जाते है। बाजार उस हद तक नीचे चला जाता है, जहां यह लाल कैंडल का दिन बन कर बंद होता है।
बाजार में आई इस अचानक मंदी से बुल्स डर जाते हैं और अपने सौदे छोड़ने लगते हैं। उम्मीद यह है कि यह मंदी जारी रहेगी और इसलिए यहाँ पर शॉर्ट करने पर ध्यान देना चाहिए। बेयरिश हरामी के आधार पर शॉर्ट ट्रेड का सेटअप है:
P1 और P2 को मिल कर बेयरिश हरामी बनाते देखने के बाद रिस्क लेने को तैयार ट्रेडर P2 के क्लोज के पास बाजार को शॉर्ट करेगा। बेयरिश हरामी सुनिश्चित करने के लिए दो शर्तों को पूरा होना होगा:
P2 को ओपन कीमत P1 की क्लोज कीमत से कम होनी चाहिए।
P2 पर क्लोज कीमत P1 की ओपन कीमत से अधिक होनी चाहिए।
रिस्क से बचने वाला P2 के बाद वाले दिन यह देखेगा कि उस दिन लाल कैंडल ही बना है और फिर वो भी शॉर्ट करेगा।
P1 और P2 के बीच सबसे ऊँचा हाई इस सौदे के लिए स्टॉपलॉस के रूप में काम करता है।
यहाँ IDFC Limited का एक चार्ट है, जहाँ पर बेयरिश हरामी दिखता है। OHLC इस प्रकार हैं:
P1 – ओपन = 124, हाई = 129, लो = 122, क्लोज = 127
P2 – ओपन = 126.9, हाई = 129.70, लो, = 125, क्लोज = 124.80
रिस्क लेने वाला P2 को क्लोज कीमत के करीब 125 पर अपना ट्रेड शुरू करेगा। रिस्क से बचने वाला P2 के बाद वाले दिन ट्रेड शुरू करेगा, लेकिन यह सुनिश्चित करने के बाद कि यह लाल कैंडल का दिन है। इस उदाहरण में, रिस्क से बचने वाले ने सौदा किया ही नहीं होगा।
इस सौदे के लिए स्टॉपलॉस P1 और P2 के बीच सबसे ऊँचा हाई होगा। इस मामले में यह 129.70 होगा।
इस अध्याय की मुख्य बातें
हरामी पैटर्न 2 ट्रेडिंग सत्रों – P1 और P2 में बनता है।
पैटर्न का पहला दिन (P1) एक लंबी कैंडल बनाता है और पैटर्न का दूसरा दिन (P2) एक छोटी कैंडल बनाता है जो देखने में ऐसा लगता है मानो इसे P1 की लंबी मोमबत्ती के अंदर घुसा दिया गया है।
बुलिश हरामी पैटर्न मंदी के ट्रेंड के निचले सिरे पर बनता है। P1 को एक लंबी लाल कैंडल और P2 को एक छोटी नीली कैंडल होती है। यहाँ P2 के क्लोज के करीब खरीद यानी लांग (Long) करने का मौका होता है (जोखिम लेने वाले)। रिस्क से बचने वाला ट्रेडर P2 के बाद वाले दिन के क्लोज के करीब लांग ट्रेड (Long Trade) यानी खरीद के सौदे की शुरुआत करेगा, लेकिन ये सुनिश्चित करने के बाद कि यह एक नीली कैंडल का दिन है।
बुलिश हरामी पैटर्न में स्टॉपलॉस P1 और P2 के बीच सबसे कम कीमत यानी लो है।
बेयरिश हरामी पैटर्न एक तेजी के ट्रेंड में उपरी सिरे पर बनता है। P1 को एक लंबी नीली कैंडल, और P2 को एक छोटी लाल कैंडल होती है। यहाँ एक शॉर्ट ट्रेड यानी बिकवाली का सौदा (रिस्क लेने वाले के लिए) P2 के क्लोज करीब करना चाहिए। रिस्क से बचने वाला P2 के अगले दिन लाल कैंडल देखने के बाद ही अपना शॉर्ट ट्रेड करेगा।
बेयरिश हरामी पैटर्न पर स्टॉपलॉस P1 और P2 के बीच सबसे ऊंचे हाई पर होगा।
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